PCOD और PCOS क्या हैं (What Is PCOD And PCOS in Hindi):-
- PCOD (POLY CYSTIC OVARIAN DISEASE).
- PCOS (POLY CYSTIC OVARIAN SYNDROME).
पोली का मतलब होता है बहुत सारी, सिस्टिक अर्थात गांठे (ये छोटी - छोटी गांठे दानो के रूप में अंडाशय (ovary) के ऊपर द्रव्य से भरी होती हैं)।
अब सवाल ये उठता है कि ये आती कहाँ से हैं?
जिन महिलाओ के मासिक (menstruation) सही से नहीं आते, और आसान भाषा में कहा जाए तो जो अंडे ओवरी से बाहर ही नहीं आ पाते या पूर्ण विकसित नहीं हो पाते, यही ओवरी पर छोटी छोटी गांठो का रूप ले लेते हैं।
PCOD/PCOS कैसे उत्पन होती हैं (How PCOD/PCOS Occurs):
महिलाओ के अंडाशय (ovaries) में Androgen Hormone के असंतुलन, सामान्य से अधिक मात्रा में ये हार्मोन निर्माण होने पर ये रोग उत्पन्न होता हैं, ये रोग नौजवान लड़कियों और महिलाओं में होता है। आजकल देखा गया है कि ये बीमारी 15 साल की किशोरियों में भी हो जाती हैं।
महिलाओं का Reproduction system (प्रजनन प्रणाली) जिसमे गर्भाशय (uterus), 2 नले (fellopian tubes) और 2 अंडाशय (ovaries) जहाँ अंडा तैयार होता हैं होते हैं। ovaries से कुछ हार्मोन निकलते हैं, जिन्हें pituitary gland द्वारा कंट्रोल किया जाता हैं। pituitary gland हमारे शरीर की मुख्य ग्रंथि हैं, pituitary gland द्वारा अलग अलग तरह के हार्मोन जो हमारे शरीर के अलग अलग भागों को नियमित रूप से कार्य करने में सहयोग देते हैं नियंत्रित किए जाते हैं। pituitary gland में गड़बड़ी के कारण भी ये रोग होने की संभावना अधिक बढ़ जाती हैं। जिन महिलाओं को थायराइड, मधुमेह है उन महिलाओ को पहले थायराइड और मधुमेह रोग (diabetes) का इलाज कराना चाहिए। मधुमेह भी एक ऐसी समस्या हैं जिस कारण से ये रोग होने की आशंका अधिक हो जाती हैं, इसलिए मधुमेह नियंत्रण इस रोग के उपचार में काफी जरूरी होता है। शरीर में इन्सुलिन रेसिस्टेंट (Insulin resistance) की समस्या के कारण भी ये रोग हो जाता हैं जिसमे शरीर में इन्सुलिन तो बनता हैं, मगर सेल इसको ग्रहण नहीं कर पाते, जिस कारण से खून में मधुमेह बढ़ जाता हैं। । और ये रोग माँ से बेटी में भी आ सकता हैं, यानी के अनुवांशिक (genetic) भी हो सकता हैं।
PCOD के लक्षण। Symptoms Of PCOD :-
PCOD में मुख्यत 6 लक्षण दिखने में आते हैं।
1. अनियमित माहवारी
2. बांझपन / बार बार गर्भपात
3. वजन का बढ़ना
4. चेहरे पर या शरीर पर अवांछनीय बाल आना
5. मुहांसे
6. यौन इच्छा में अचानक कमी आ जाना
- अगर आपको इन में से कोई भी 2 या 3 लक्षण भी दिखते हैं तो आप इसकी जांच ज़रूर करवाये।
PCOD से उत्पन्न समस्याएं। Complications of PCOD:-
इस कारण से महिलाओ के मासिक धर्म (Menstrual Cycle) के साथ प्रजनन क्षमता (Fertility) पर भी असर पड़ता है, और महिला गर्भधारणा करने में असमर्थ हो सकती है। अगर PCOD का इलाज न किया जाए तो आगे जाकर यह गर्भाशय के कर्करोग (Cancer) का रूप भी ले सकती है।
PCOD का पता लगाने के लिए जांच। Test and Diagnosis for PCOD:-
PCOD का निदान करने के लिए निम्नलिखित परिक्षण कराए जाते है :-
- Ultrasonography of Pelvis
- DHEA-S Level
- Serum LH
- Serum FSH
- LH : FSH ratio
उपचार के दौरान हर महीने या अपने चिकित्सक के परामर्श अनुसार sonography कराती रहें।
PCOD और PCOS होने के कारण (Causes of PCOD And PCOS):-
बदलती जीवन शैली इसका एक मुख्य कारण हैं । आलसी जीवन, तनाव, पूरा दिन घर में ही घुसे रहना, व्यायाम ना करना, असंतुलित आहार, ज्यादा तेलयुक्त, वसायुक्त और मीठा आहार, जंक फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स, वज़न बढ़ना, भोजन में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल्स और कैल्शियम की कमी ये सब इसके कारण होते हैं।
इसके अलावा देर रात तक जागना धूम्रपान व शराब का सेवन भी हार्मोन इम्बैलेंस होने का होने का बड़ा कारण हैं।
- मधुमेह (Diabetes):-
मधुमेह रोग होने पर PCOD होने संभावना बढ़ जाती है।
- थायराइड (Thyroid):-
थायराइड रोगी को भी इस रोग के होने का खतरा काफी बढ़ जाता है
- हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension):-
उच्च रक्तचाप (Hypertension) जैसे रोग भी एक बड़ी वजह है।
- हाई कोलेस्ट्रॉल ( High cholesterol):-
Cholesterol का बढ़ना, HDL कम होना या उच्च Triglycerides के वजह से भी PCOD हो सकता है।
अगर परिवार में किसी को PCOD का इतिहास है तो अनुवांशिकता यह भी एक कारण है।
- मोटापा (Obesity):-
आज की युवा पीढ़ी में मोटापा एक बहोत बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। ऐसे तो मोटापा कई बीमारियो का घर है परन्तु मोटापे में शरीर में बढ़ी हुई अत्याधिक चर्बी के कारण Estrogen hormone ka production सामान्य से ज्यादा होता है, जो की अंडाशय में cyst बनाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
- तनाव (Stress):-
आज के दौड़भाग के युग में बढ़ रहे तनाव के कारण लोगो का खानपान और दिनचर्या बिगड़ चुकी है। धूम्रपान, शराब, देर रात का खाना इत्यादि कारणों से भी hormonal imbalance होता है।
PCOD/PCOS का घरेलु उपचार (Home remedies for PCOD):
- दाल चीनी (Cinnamomum verum or C.zeylanicum) :-
ये मसालों में श्रेष्ठ हैं, दालचीनी में hydroxychalcone मुख्य सक्रिय संघटक हैं, जो इंसुलिन के प्रभाव को बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी हैं। और ये मोटापे को भी रोकता हैं, हर रोज़ आधा चम्मच या अपने शरीर के अनुसार इसको अपने भोजन में जगह दे।
- मेथी दाना (Fenugreek) :-
मेथी दाना तीन चम्मच रात को पानी में भिगो कर रख दे, सुबह 1 चम्मच मेथी दाना एक चम्मच शहद के साथ मिला कर खाएं, और ऐसा ही 1-1 चम्मच दोपहर और रात के भोजन के 10 मिनट पहले करे, इस से आपका इन्सुलिन लेवल सही रहेगा और खून में बढ़ी हुयी शर्करा (sugar) नियंत्रित होगी।
नोट;- दालचीनी या मेथी दाना दोनों में से किसी एक का प्रयोग करें।
PCOD में विटामिन और मिनरल्स से भरपूर खाद्य पदार्थ भोजन में शामिल करे।
- अलसी (Flax seeds) :-
अलसी में ओमेगा ३ होता हैं, जो हार्मोन इमबैलन्स में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं, इसका सेवन इस रोग से लड़ने में बहुत सहयोगी हैं। बादाम और अखरोट भी बहुत उपयोगी हैं। आप सुबह नाश्ते में इसका एक ड्रिंक बनाये, 5 बादाम 5 अखरोट की गिरी और 5 ग्राम अलसी के बीज डाल कर पहले मिक्सर में ग्राइंड कर लीजिये फिर गाय का एक गिलास गर्म दूध पीने लायक इसमें डाल कर शेक कर लीजिये, इस शेक को नाश्ते में पीजिये। ये शेक बहुत फायदेमंद हैं।
- जौ (Barley) :-
PCOD के लिए भोजन में जौ का थोड़ा मोटा आटा इस्तेमाल करे। इसका Glycemic Index (GI) बहुत कम होता हैं, जिस से अग्न्याशय (pancreas) अधिक सक्रिय होता हैं और अधिक इन्सुलिन स्त्राव करता हैं, जिस से रक्त शर्करा नियंत्रित रहती हैं। और वज़न नियंत्रण करने में बहुत सहयोगी हैं।
- अंकुरित अनाज (Sprouted grains) :-
नाश्ते में अंकुरित अनाज ले। इसके लिए आप गेंहू दालों और जौ को अंकुरित कीजिये। ये बहुत ही फायदेमंद हैं ।
- मशरुम (Toadstool) :-
मशरुम का सेवन इस बीमारी में बहुत ही ज़्यादा फायदेमंद हैं, ये कम कैलोरी भोजन (low calorie food) हैं जिसमें विटामिन बी २, बी ३, पाया जाता हैं, जो थाइरोइड से लड़ने और मधुमेह नियंत्रण में बहुत सहायक हैं। इसको हर दिन अपने भोजन का हिस्सा बनाये।
- ब्रोक्कोली (Brokley) :-
ब्रोक्कोली ये एक प्रकार की पत्ता गोभी होती हैं, जिसमे विटामिन प्रचुर मात्र में होते हैं, और कैलोरीज भी बहुत काम होती हैं, ये PCOD के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इस का सेवन करने वाली महिलाओ को कभी भी ये रोग नहीं होता।
- पालक (Spinach) :-
पालक का सेवन इस बीमारी में बहुत ही ज़्यादा फायदेमंद हैं, इसको रोजाना अपने भोजन का हिस्सा बनाये।
हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें।
सलाद में टमाटर और खीरे का सेवन करे,
शकरकंद का इस्तेमाल भी बहुत ही उपयोगी हैं।
- कैल्शियम (Calcium) :-
इसके इलाज में कैल्शियम बहुत उपयोगी हैं, इसलिए देसी गाय का दूध और दही बहुत फायदेमंद हैं, हर रोज़ २ गिलास गाय का दूध पीजिये और दही में गेंहू के दाने के समान चुना (जो पान में लगाते हैं) डाल कर नित्य खाए। कैल्शियम अंडे को परिपक्व करने में और अंडाशय को विकसित करने में बहुत सहयोगी हैं। दही ना केवल कैल्शियम से भरपूर होता हैं, बल्कि ये मूत्राशय में होने वाले संक्रमण से भी बचाता हैं , और चूना महिलाओ की समस्त बीमारियो के लिए भी बेहद उपयोगी होता है।
- तरबूज़ (Watermelon) :-
तरबूज़ भी एक सुपर फ़ूड हैं, इस को नित्य खाए। इस से PCOD में बहुत लाभ मिलता हैं।
- मुलेठी (Liquorice) :-
मुलेठी एक ऐसी हर्ब है, जिसे खाने से महिलाओ के शरीर में Androgen Hormone कम होने लगते हैं और PCOD से सुरक्षा मिलती हैं। यह महिलाओ के लिए हर प्रकार से लाभदायक होता हैं। पुदीने की चाय बहुत उपयोगी हैं, इसके सेवन से इस रोग में बहुत फायदा होता हैं। क्योंकि ये Anti Androgen होती हैं।
PCOD के उपचार के लिए जीवन शैली में क्या बदलाव करे ? Life style changes for PCOD treatment :-
- वजन कम करना (Weight loss) :-
अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है तो उसे कम करने का प्रयास करे। कई PCOD के मरीजों में केवल वजन कम करने से ही बेहद फायदा मिलता है।
- व्यायाम (Exercise) :-
व्यायाम करने से आपका वजन नियंत्रण में रहेगा और PCOD की वजह से होने वाली insulin resistant की समस्या भी कम हो जाएंगी। आप अपने उम्र और शरीर अनुसार चलना, दौड़ना, तैराकी या aerobic व्यायाम कर सकती है।
- प्राणायाम :-
कपाल भाति, अनुलोम विलोम और भ्रामरी ये तीनो विशेष प्राणायाम इस समस्या से निजात दिलाने में बहुत सहयोगी हैं।
- संतुलित आहार (Balanced Diet) :-
खाने में पिज़्ज़ा, बर्गर जैसे शरीर के लिए नुकसानकारी आहार लेने की जगह हरे पत्तेदार सब्जी और फल का समावेश करे।
- जीवनशैली (Lifestyle) मैं बदलाव :-
चिंता, शोक, भय, क्रोध इत्यादि तनाव बढ़ाने वाली चीजो से दूर रहे। योग और प्राणायाम करे। हमेशा सकारात्मक विचार रखे।
PCOD से पीड़ित महिलाओ में मधुमेह, उच्चरक्तचाप और कर्करोग होने का खतरा रहता है। जल्द उपचार आदि कार्यवाही करने से PCOD के दीर्घकालीन जाखिमो से बचाव किया जा सकता है।
PCOD का आयुर्वेदिक उपचार। Ayurvedic treatment for PCOD :-
इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए आप आयुर्वेद का सहारा ले सकते हैं इस बीमारी के निदान के लिए आयुर्वेद में बहुत सारी दवाइयां मौजूद हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार है:-
- पुनर्नवादि मंडूर
- शिला सिंदूर
- गुल्मकालानल रस
- कचनार गूगल
- आरोग्यवर्धिनी वटी
- अशोकारिष्ट
PCOD के लिए वैद्यनाथ की कचनार गूगल तथा वृद्धि बाधिका वटी की दो दो गोलियाँ प्रातः सायं चबा कर पानी से लेने की सलाह दी जाती है ।
कैफीन का सेवन, कैफीन कॉफ़ी में या एनर्जी ड्रिंक्स में या अनेको पैक्ड प्रोडक्ट में पाया जाता हैं, जहाँ तक संभव हो पैक्ड फ़ूड से परहेज करे।
सुबह सूर्य उदय से पहले उठे और रात को 10 बजे तक सो जाए।
तनाव एक बड़ा कारण हैं, इसलिए खुश रहने का प्रयास करे।