आज के पोस्ट में आप जानेंगे हार्ट अटैक के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में। यहां आप यह भी जानेंगे कि आप high cholesterol को सामान्य कर हृदय रोग से कैसे छुटकारा पा सकते हैं और बायपास सर्जरी से कैसे खुद को बचा सकते हैं।
हार्ट अटैक के कारण इन हिंदी |
Causes of heart attack in hindi :-
उच्च रक्तचाप (Hypertension) :-
उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक का एक मुख्य कारण है। High blood pressure की वजह से दिल पर सामान्य से अधिक दबाव पड़ने के कारण हार्ट अटैक होने के संभावना प्रबल हो जाती है।
कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) :-
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाने से दिल पर अधिक जोर पड़ने लगता है जिस वजह से हार्ट अटैक होने की संभावना अधिक होती हैं।
आयु (Age) :-
अगर बात पुरुषों की करें तो 45 वर्ष या उससे ज्यादा, और महिलाओं में 55 वर्ष या उससे अधिक उम्र होने पर दिल के दौरे पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
मोटापा (Obesity) :-
शरीर का वजन सामान्य से अधिक हो जाने पर हृदय पर अधिक जोर पड़ता है इस वजह से जिन लोगों में मोटापा होता है उनमे दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है
आहार (Diet) :-
अनियमित खानपान भी हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार होता है। फास्ट फ़ूड, जंक फूड और अधिक मसालेदार व अधिक वसायुक्त भोजन दिल के दौरे का कारण बन सकता है।
आनुवंशिकी (Genetic) :-
अगर पूर्वजों को हृदय संबंधित बीमारियां हो तो उनके बच्चों को भविष्य में इस बीमारी से पीड़ित होने की संभावना अधिक रहती है।
नशा :-
बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, शराब आदि का सेवन करने वालों को भी दिल का दौरा पड़ने का जोखिम अधिक होता है।
मानसिक तनाव (Stress) :-
जो लोग मानसिक रूप किसी भी कारण से तनावग्रस्त होते हैं वह लोग दिल के दौरे के जोखिम का सामना कर सकते हैं। इसके अलावा दिल में ऑक्सीजन की कमी, डायबिटीज दिल के दौरे के जोखिम को और ज्यादा बढ़ा देती है।
हार्ट अटैक के लक्षण | heart attack symptoms in hindi.
1. सांस लेने में तकलीफ :-
सांस लेने में दिक्कत हो रही हो या फिर पूरी तरह से सांस लेने के बाद भी आपको सांस की कमी महसूस हो रही है तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
2. असामान्य धड़कन :-
वैसे तो ज्यादा एक्साइटेड या फिर ज्यादा नर्वस होने की दशा में हर इंसान की धड़कन बढ़ना या कम होना सामान्य होता है परंतु अगर धड़कन ज्यादा टाइम के लिए अनियंत्रित हो तो ये हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है ऐसा होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
3. सामान्य से अधिक पसीना :-
कम तापमान में भी शरीर से बहुत अधिक पसीना निकलना भी हार्ट अटैक का एक लक्षण हो सकता है। यदि ठंड में भी पसीना आ रहा हो तो यह गंभीर समस्या हो सकती है।
4. घबराहट, सीने में जलन या बदहजमी :-
यदि आपको घबराहट, लगातार सीने मे जलन हो रही है या बदजहमी की शिकायत हो तो यह भी हार्ट अटैक के लक्षणों में से एक है।
5. सिर, कंधों, जबड़े में दर्द :-
अगर सिर में दर्द या फिर जबड़े में दर्द होता है इसके अलावा लगातार आपके कंधों में या पेट में दर्द होता है तो भी आपको सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि हार्ट अटैक आने से पहले कई रोगियों में यह लक्षण दिखाई देते हैं।
6. बेचैनी, चक्कर व उल्टी आना :-
हार्ट अटैक होने से पहले दिखने वाले लक्षणों में बेचैनी होना अचानक चक्कर आना व उल्टी के साथ पेट दर्द की समस्या होना शामिल है। इस तरह के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और अपने डॉक्टर की सलाह ले।
7. हाथ - पैर या एड़ी में सूजन :-
जब भी किसी इंसान के हाथ - पैर या एड़ी में सूजन की दिक्कत बढ़ गई हो तो यह दिल के द्वारा खून को ठीक से पंप न करने की वजह से हो सकता है। ऐसा होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हार्ट अटैक के घरेलू उपाय | heart attack treatment in hindi :-
1. पान का रस+अदरक का रस+लहसुन का रस :-
हार्ट अटैक की समस्या के निदान के लिए आप 1 चम्मच पान का स्वरस, 1 चम्मच अदरक का रस, 1 चम्मच लहसुन के रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर सुबह व रात में दिन मे दो बार नियमित रूप से सेवन करें।
2. दालचीनी :-
एक छोटी चम्मच दालचीनी पाउडर एक चम्मच शहद में मिलाकर 45 से 60 दिन तक सुबह - शाम दिन में दो बार ले।
3. लौकी का रस :-
लौकी का रस दिल से संबंधित बीमारियों में बहुत लाभ देता हैं इसके सेवन से बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल भी कम हो जाता है। 1 कप लोकी का स्वरस सुबह खाली पेट और शाम मे (दोपहर के भोजन के 4 घंटे बाद) 5 बजे लेने से हृदय संबंधी विकार दूर होते हैं।
4. अर्जुन की छाल :-
आयुर्वेद में अर्जुन की छाल हृदय संबंधी रोगों में बहुत कारगर मानी जाती है क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के साथ-साथ दिल को ताकत भी देता है इसीलिए इसे आयुर्वेद का हार्ट टॉनिक भी कहते हैं । हृदय से संबंधित बीमारियों को दूर करने के लिए अर्जुन की छाल का काढा लें।
काढा बनाने की विधि :-
काढा बनाने के लिये एक चम्मच अर्जुन की छाल को 250 मिलीलीटर पानी में उबालें आधा रह जाने पर उतार ले यह काढा सुबह -शाम लें। काढे में इलाइची व थोड़ा सा गाय का दुग्ध भी डाल सकते हैं ।
5. हृदय के लिए एक खास लेप :-
10 ग्राम साबूत उङद की दाल लें कर रात को गरम पानी में भिगो कर रख दें और सुबह पानी निकालकर फेंक दें और उङद की दाल को छिलके सहित पीस कर पेस्ट बना लें। फिर 10 ग्राम गुग्गुलु ले और अच्छी तरह खरल कर लें , अब इसी में उड़द की दाल का पेस्ट मिलाकर अच्छी तरह से खूब घोटे। इसी में 10 ग्राम एरण्ड का तैल और 10 ग्राम गाय के दुध का मक्खन मिलाकर खूब अच्छी तरह लेप बना कर रख ले।
हृदय लेप की प्रयोग विधि :-
इस लेप को नहाने के बाद छाती के पूरे हिस्से खासकर ह्रदय के ऊपर लगा दें। और 4 घंटे के लिए लेप लगा रहने दें इन 4-5 घण्टे में आराम करें। यह प्रयोग 5 से 10 दिन तक रोज करें।
6. अलसी :-
अलसी के बीजों में उच्च रक्तचाप और सूजन को कम करने के गुण पाए जाते हैं। अलसी अल्फालिनोलेनिक एसिड (ALA) के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है। यह हृदय की धमनियों के ब्लॉकेज को साफ करके पूरे दिल के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है।
अधिक मात्रा में फाइबर होने के कारण अलसी खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में और धनिया को साफ करने में मदद करती है।
5 ग्राम अलसी के बीज के पाउडर का सेवन प्रतिदिन पानी के साथ करे।
7. धनिया+जीरा :-
धनिया 100 ग्राम और 100 ग्राम जीरा कुटकर उसका चूर्ण बनाकर काँच के डिब्बे में भरकर रखे। 60-70 दिन तक इस चूर्ण को 5 - 5 ग्राम चम्मच सुबह-शाम खाएँ । इसका इस्तेमाल भी आपके हृदय को स्वस्थ रखने में आपकी मदद करता है।
8. लाल मिर्च :-
इसमें कैप्सेसिन नामक तत्व मौजूद होता है जो bad cholesterol (LDL) की अधिकता से बचाता है। यह रक्त में LDL के स्तर को कम करता है, जो heart blockage का मुख्य कारण होता है। इसके अलावा यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर करने और दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करने में मदद करता है।
एक कप गर्म पानी में 5 से 10 ग्राम लाल मिर्च मिलाकर, कुछ हफ्तों तक इससे नियमित रूप से इस्तेमाल करने से दिल के दौरे के जोखिम में कमी आती है। वैसे आप चिकित्सक की सलाह से लाल मिर्च के सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
9. अनार :-
वैसे तो अनार के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं यह शरीर को स्वस्थ रखने मैं बहुत मदद करता है इसके अलावा अगर कोई इंसान कम से कम एक अनार रोजाना दाने निकाल कर या फिर जूस के रूप में सेवन करता है तो भी उस इंसान के दिल की सेहत अच्छी रहती हैं।