High blood pressure treatment | हाई ब्लड प्रेशर का इलाज।

 

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High Blood Pressure (Hypertension)

हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) को ही हाइपरटेंशन (Hypertension) कहते हैं।

High blood pressure treatment- Hipertension आजकल भाग - दौड़ भरी जिंदगी की एक आम समस्या है। ब्लड प्रेशर Blood vessels में बहते Blood द्वारा vessels की दीवारों पर डाले गए Pressure को कहते हैं। जब ब्लड प्रेशर हाई होता है तो धमनियों में रक्त का दबाव अधिक होने के कारण धमनियों की दीवारों पर प्रेशर पड़ता है। जिसे सामान्य बनाने हेतु दिल को अधिक कार्य करना पड़ता है। 

ब्लड प्रेशर की दो माप सिस्टोलिक (Systolic blood pressure) और डायस्टोलिक (diastolic blood pressure) होते हैं। 

सिस्टोलिक (Systolic blood pressure) :- सिस्टोल का मतलब होता है संकुचन। सिस्टोलिक हृदय की वह अवस्था होती है जिसमें की हृदय की मांसपेशियों का संकुचन होता है। इसे उच्चतम-रीडिंग भी कहते है। 

डायस्टोलिक (diastolic blood pressure) :- डायस्टोल का मतलब होता है तनाव मुक्तता। डायस्टोलिक हृदय की वह अवस्था होती है जिसमें की हृदय संकुचन से मुक्त होकर पुनः अपनी सामान्य अवस्था को प्राप्त करता है। इसे निचली-रीडिंग भी कहते है

एक स्वस्थ व्यक्ति का सामान्य रक्तचाप:- 

सिस्टोलिक रक्तचाप (Systolic blood pressure) :- 100 -120 mmHg.

डायस्टोलिक रक्तचाप (diastolic blood pressure) :- 60 -90 mmHg.

"एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड प्रेशर -

सिस्टोलिक/डायस्टोलिक (Systolic/diastolic blood pressure) 120/80 (approx) होना चाहिए।"

निम्नरक्तचाप (low blood pressure):-

जब ब्लड प्रेशर सामान्य से कम होता है तो उससे नसो और धमनियों में खून का प्रवाह कम  हो जाता है इस कारण गुर्दे तथा मस्तिष्क जैसे शरीर के महत्वपूर्ण अंगो पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती इससे इन अंगो के सामान्य कामकाज प्रभावित हो जाते हैं ये ठीक से काम नहीं कर पाते अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो इन अंगों के स्थाई रूप से क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है।

उच्चरक्तचाप (high blood pressure):-

जब ब्लड प्रेशर सामान्य से अधिक हो तो उसे हाई ब्लड प्रेशर यह हाइपरटेंशन कहते हैं। जिससे धमनियों में उच्च तनाव उत्पन हो जाता है। हाई ब्लड प्रेशर होने के क्या कारण हो सकते हैं । एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 

सिस्टोलिक/डायस्टोलिक: 120/80 की रेंज में होना चाहिए।

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण (Symptoms of high blood pressure)

आमतौर पर बहुत से लोग हाइपरटेंशन के लक्षणों का अनुभव ही नहीं करते। हाई ब्लड प्रेशर को एक गंभीर स्तर तक पहुंचने में कई साल तक लग सकते है।

हाईपरटेंशन के लक्षण (Symptoms of hypertension)

1. चक्कर आना (dizziness)

2. सिर दर्द (headaches)

3. सांस लेने में कठिनाई (shortness of breath)

4. छाती में दर्द (chest pain)

5. नाक से खून आना (nosebleeds)

6. त्वचा का लाल होना (flushing)

7. दिखाई देने में दिक्कत (visual changes)

8. मूत्र में खून आना (blood in the urine)

हाई ब्लड प्रेशर का निदान (Diagnosing of high blood pressure)

हाई ब्लड प्रेशर के निदान के लिए आपको कुछ दिन या कुछ हफ्तों तक ब्लड प्रेशर नपवाने की आवश्यकता होती है।

अगर आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, तो डॉक्टर आपके शारीरिक स्थिति व लक्षणों के आधार पर आपकी कुछ जांच करा सकते हैं जिससे कि वह आपके हाई ब्लड प्रेशर होने के कारण तक पहुंच सके। 

हाइपरटेंशन के लिए जांच निम्नलिखित है (Test for hypertension)

1. कोलेस्ट्रॉल (lipid profile)

 2. मूत्र परीक्षण (urine test)

 3. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG)

4. हृदय या गुर्दे का अल्ट्रासाउंड (ultrasound)

उपरोक्त जांच आपके हाइपरटेंशन के कारण का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।

हाइपरटेंशन का उपचार (Hypertension treatment)

हाइपरटेंशन के इलाज करने से पहले आपका डॉक्टर यह निर्धारित करता है कि आपको किस प्रकार का हाई ब्लड प्रेशर है और किस कारण से हैं।

हाइपटेंशन को निम्न दो वर्गों में बांटा जाता है:-

1. प्राथमिक उच्च रक्तचाप (primary hypertension) 

2. द्वितीयक उच्च रक्तचाप (secondary hypertension)

प्राथमिक उच्च रक्तचाप (Primary hypertension)

प्राथमिक उच्च रक्तचाप के निदान के लिए आपका डॉक्टर सबसे पहले आपको आपकी जीवनशैली में परिवर्तन करने की सलाह देते है लेकिन अगर केवल जीवनशैली में परिवर्तन पर्याप्त नहीं है तो आपका डॉक्टर इसके साथ साथ कुछ दवाइयां लेने की सलाह देते है। 

माध्यमिक उच्च रक्तचाप (Secondary hypertension)

माध्यमिक उच्च रक्तचाप के रोगियों के निदान के लिए आपका डॉक्टर आपके हाई ब्लड प्रेशर के करण का पता लगाता है और उसी कारण को ध्यान में रखकर दवाइयां लेने की सलाह देता है लेकिन कई बार यदि आप दवाइयां ले रहे हैं फिर भी ब्लड प्रेशर हाई हो रहा है तो आपका डॉक्टर आपको अन्य दवाइयां शुरू करने के लिए कहते हैं।

High blood pressure के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं :-

1. बीटा-ब्लॉकर्स (Beta blocker)

2. मूत्रवर्धक (Diuretic)

3. ए सी ई इनहिबिटर्स (ACE inhibitor)

5. कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blocker)

आदि,

आप हाइपरटेंशन का घरेलू इलाज भी कर सकते हैं जो आपको आराम देगा।

जीवन शैली में बदलाव (Lifestyle changing)

आप अपनी जीवन शैली में कुछ बदलाव कर इसे बेहतर बना सकते हैं इससे आपको हाई ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार कारकों के नियंत्रण करने में सहायता मिलेगी।

संतुलित व पोष्टिक आहार (Balanced and nutritious diet)

संतुलित व पौष्टिक आहार आपके हृदय को स्वस्थ रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इससे आपके उच्च रक्तचाप को नियंत्रण रखने में मदद मिलती हैं पौष्टिक आहार हृदय रोगों की जटिलताओं जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कोरोनरी आर्टरी डिजीज के जोखिम को कम करता है। 

आप दिल को स्वस्थ रखने के लिए निम्न चीजों को अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं :-

1. फल व हरी सब्जियां।

2. साबुत अनाज।

3. नियमित एक्सराइज करना।

4. वजन सीमित करना।

5. तनाव से बचे।

6. ध्यान करें।

7. गहरी गहरी सांसे ले।

8. योग करे।

9. अधिक वशा युक्त, तला भुना, मसालेदार खाने से बचे।

10. शराब, धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन न करें।

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