मासिक धर्म संबंधी विकार परिचय (Menstrual Cycle Introduction):-
प्रत्येक मासिक धर्म चक्र (menstrual cycle) के साथ, गर्भाशय परत (endometrium) खुद को एक भ्रूण (fetus) के पोषण के लिए तैयार करता है। यदि निषेचन (fertilization) नहीं होता है, तो शरीर मासिक चक्र के दौरान एंडोमेट्रियम को बहा देता है। कुछ मामलों में, इस मासिक चक्र में अनियमितता हो सकती है, जो निम्न मासिक धर्म विकारों में से हो सकता है :-
मासिक धर्म संबंधी विकार के प्रकार (Types of Menstrual Disorders):-
1. प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम Premenstrual Syndrome (PMS)
3. रजोरोध (Amenorrhea)
4. कष्टार्तव (Dysmenorrhea)
5. अत्यार्तव (Menorrhagia)
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual Syndrome):-
प्रागार्तव (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) एक ऐसी समस्या हैं जों महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म शुरू होने से कुछ दिन पहले प्रभावित करती हैं। इसके दौरान महिलाओं को शारीरिक और भावनात्मक weakness महसूस हो सकती हैं। हर स्त्री में लक्षण भिन्न भिन्न हो सकते हैं, ये लक्षण रक्तस्त्राव के आसपास स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं।
प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (Premenstrual Dysphoric Disorder):-
(पीएमडीडी) पीएमएस का अधिक गंभीर रूप होता है जो प्रजनन आयु की लगभग 3% -8% महिलाओं को प्रभावित करता है। पीएमडीडी को एक चिकित्सक द्वारा उपचार की आवश्यकता होती है।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षण (Premenstrual Syndrome Symptoms):-
प्रत्येक व्यक्ति मैं अलग अलग लक्षण महसूस हो सकते हैं प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम के लक्षण निम्न में से हो सकते हैं :
1. मनोवैज्ञानिक लक्षण: अवसाद, चिंता, चिड़चिड़ापन (Depression, anxiety, irritability)
2. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण: सूजन (Bloating)
3. द्रव प्रतिधारण: उंगलियों, टखनों और पैरों की सूजन (Swelling of fingers, ankles and feet)
4. त्वचा की समस्याएं: मुँहासे (Acne)
5. सरदर्द (Headache)
6. चक्कर आना (Vertigo)
7. बेहोशी (Fainting)
8. मांसपेशियों की ऐंठन (Muscle spasms)
9. दिल की घबराहट (Heart palpitations)
10. एलर्जी (Allergies)
11. संक्रमण (Infections)
12. नज़रों की समस्या (Vision problems)
13. नेत्र संक्रमण (Eye infections)
14. समन्वय में कमी (Decreased coordination)
15. कम हो गई कामेच्छा (Diminished libido)
16. भूख में बदलाव (Changes in appetite)
17. अचानक बुखार वाली गर्मी महसूस करना (Hot flashes)
आप अपनी जीवनशैली में सुधार करके इन लक्षणों की गंभीरता को खत्म करने या कम करने में मदद कर सकते हैं, जिनमें कुछ इस प्रकार हैं:
•1. अपने आहार में साबुत अनाज, सब्जियां और फल शामिल करे और संतुलित आहार का सेवन करें।
•2. प्रत्येक सप्ताह 3 से 5 बार व्यायाम करें।
•3. पर्याप्त नींद ले।
•4. अपने खाने मैं नमक और चीनी घटाए।
•5. शराब का सेवन व नशे से बचें।
रजोरोध क्या है (What is Amenorrhea)?
एमेनोरिया स्त्रियो के mensuration से सम्बन्धित एक परेशानी है, जिसे कोई बीमारी तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह किसी बीमारी से उत्पन लक्षण हो सकता है, इसलिए कारणों का पता लगाकर निदान करना जरूरी है। यदि बिना प्रेग्नेंसी हुए या फिर मेनोपॉज के किसी स्त्री को लगातार 3 महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं, तो इसकी वजह एमेनोरिया हो सकता है।
एमेनोरिया के दो प्रकार हैं:
• प्राथमिक रक्तस्राव (Primary amenorrhea)
• द्वितीयक रक्तस्राव (Secondary amenorrhea)
एमेनोरिया के प्रकार (Types of Amenorrhea):-
प्राथमिक रक्तस्राव (Primary Amenorrhea):-
mensuration cycle यौवन के समय पर शुरू न होने वाली स्थिति को प्राथमिक रक्तस्राव कहते है।
द्वितीयक रक्तस्राव (Secondary Amenorrhea):-
सामान्य और नियमित होने वाले मासिक धर्म जो असामान्य और अनियमित या अनुपस्थित हो जाते हैं। यह आमतौर पर बाद में शुरू होने के एक भौतिक कारण के कारण हो सकता है।
Amenorrhea कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि गर्भावस्था , स्तनपान या रजोनिवृत्ति । या, यह दवाओं के दुष्प्रभाव के परिणामस्वरूप भी हो सकता है।
एमेनोरिया के कारण (Causes of Amenorrhea):-
1. जन्म दोष, शारीरिक असामान्यता या अन्य चिकित्सा स्थिति (Birth defect, anatomical abnormality or other medical condition)
2. ओव्यूलेशन असामान्यता (Ovulation abnormality)
3. मोटापा (Obesity)
4. खाने में गड़बड़ी (Eating disorder)
5. थाइराइड विकार (Thyroid disorder)
6. अत्यधिक या ज़ोरदार व्यायाम (Excessive or strenuous exercise)
यदि कम से कम तीन महीने तक लगातार मासिक धर्म छूट जाते (नहीं आते) हैं या यदि मासिक धर्म कभी आया ही नहीं हो और और आपकी आयु 16 वर्ष या उससे अधिक है, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। किसी भी स्थिति के साथ, प्रारंभिक निदान और उपचार बहुत महत्वपूर्ण है।
कष्टार्तव क्या है (What Is Dysmenorrhea)?
कष्टार्तव- Dysmenorrhea एक स्त्रियों से जुड़ी हुई एक ऐसी चिकित्सा अवस्था है जिसमें माहवारी के समय गर्भाशय में असहनीय दर्द. जबकि अधिकांश स्त्रियों में मासिक धर्म के दौरान मामूली दर्द का अनुभव होता हैं, कष्टार्तव को तब पहचाना जाता है जब असहनीय पीड़ा की वजह से सामान्य दिनचर्या मैं मुश्किलें उत्पन्न होने लगती है, और उपचार की आवश्यकता होने लगती हैं। Dysmenorrhea का कारण इस बात पर भी निर्भर करता है कि स्थिति Primary amenorrhea है या Secondary amenorrhea। प्राथमिक Dysmenorrhea से पीड़ित स्त्री के शरीर में एक रासायनिक imbalance के कारण असामान्य गर्भाशय संकुचन महसूस होता है।
इससे जुड़े अन्य कारणों में शामिल हो सकते हैं:-
1. गर्भाशय फाइब्रॉएड (uterine fibroids)
2. श्रोणि सूजन की बीमारी (pelvic inflammatory disease)
3. पैल्विक गुहा में संक्रमण, ट्यूमर या पॉलीप्स (infection, tumors, or polyps in the pelvic cavity)
4. असामान्य गर्भावस्था (miscarriage, ectopic)
किसी भी महिला में डिसमेनोरिया विकसित हो सकता है, लेकिन जिनमें जोखिम अधिक होता है वे इस प्रकार हैं:-
1. अत्यधिक शराब का सेवन करने वाले।
2. धूम्रपान करने वाले।
3. अधिक वजन वाली महिलाएं।
4. जिन महिलाओं का मासिक धर्म 11 वर्ष की 5. आयु से पहले शुरू हुआ था।
डिसमेनोरिया के लक्षण (Dysmenorrhea Symptoms):-
जी मिचलाना (Nausea)
निचले पेट में ऐंठन या दर्द (Cramping or pain in the lower abdomen)
पीठ के निचले हिस्से में दर्द या (Low back pain)
•थकान (Fatigue)
•उल्टी (Vomiting)
•दस्त (Diarrhea)
•दुर्बलता (Weakness)
•बेहोशी (Fainting)
•सिर दर्द (Headaches)
मेनोरेजिया क्या है (What is Menorrhagia)?
मेनोरेजिया असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव का सबसे आम प्रकार है और यह अधिक और लंबे समय तक मासिक धर्म रक्तस्राव की विशेषता है। कुछ मामलों में, रक्तस्राव इतना गंभीर हो सकता है कि दैनिक गतिविधियां बाधित होती हैं।
मेनोरेजिया के एक अन्य प्रकार, जिसे dysfunctional uterus bleeding भी कहते है, Menorrhagia निम्न शामिल हो सकते हैं:
पॉलिमेनोरिया (Polymenorrhea):-
बहुत बार मासिक धर्म होने वाली स्थिति।
ऑलिगोमेनोरिया (Oligomenorrhea):-
बहुत कम या हल्के मासिक धर्म चक्र वाली स्थिति।
मेट्रोर्रेगिया (Metrorrhagia):-
कोई अनियमित रक्तस्राव जो दो मासिक धर्म के बीच में होता है।
रजोनिवृत्ति के बाद का रक्तस्राव (Postmenopausal Bleeding):-
रजोनिवृत्ति के आखिरी सामान्य मासिक धर्म से एक वर्ष से अधिक होने पर कोई भी रक्तस्राव।
मेनोरेजिया के कारण (Menorrhagia Causes):-
मेनोरेजिया के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ निम्न है:
1. गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine fibroids)
2. हार्मोनल असंतुलन (Hormonal imbalance)
3. श्रोणि सूजन की बीमारी (Pelvic inflammatory disease)
4. पैल्विक गुहा में संक्रमण, ट्यूमर या पॉलीप्स (Infection, tumors or polyps in the pelvic cavity)
5. असामान्य गर्भावस्था; यानी गर्भपात (miscarriage, ectopic)
6. कुछ जन्म नियंत्रण उपकरण; यानी, अंतर्गर्भाशयी उपकरण (intrauterine devices)
7. रक्तस्राव या प्लेटलेट विकार (Bleeding or platelet disorders)
8. प्रोस्टाग्लैंडिन्स के उच्च स्तर (गर्भाशय की मांसपेशियों के संकुचन को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले रासायनिक पदार्थ) High levels of prostaglandins (chemical substances used to control muscle contractions of the uterus)
9. एंडोथेलिन्स के उच्च स्तर (रक्त वाहिकाओं को पतला करने के लिए उपयोग किए जाने वाले रासायनिक पदार्थ) High levels of endothelins (chemical substances used to dilate blood vessels)
10. लीवर, किडनी या थायराइड की बीमारी।
मेनोरेजिया के लक्षण (Menorrhagia Symptoms):-
मेनोरेजिया में स्त्रियो को हर 60 मिनट में पैड बदलने की जरूरत पड़ती है। रात्रि में सोने के समय भी पैड बदलने की जरूरत महसूस होती है. कुछ स्त्रियो में बहुत अधिक रक्तस्राव को रोकने के लिए बहुत बार एक टाइम पर एक से अधिक पैड लगाने की आवश्यकता महसूस होती है. अधिक पीड़ा के कारण कोई भी काम करने में भी परेशानियां होती है. और महिलाओं में 7 दिन से अधिक पीरियड्स चलते हैं।
मेनोरेजिया के निदान (Diagnosis of Menorrhagia):-
Menorrhagia के निदान प्रक्रियाओं में शामिल हो सकते हैं:
1. रक्त परीक्षण (Blood tests)
2. पैप परीक्षण (Pap test)
3. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
4. एमआरआई (MRI)
5. लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy)
6. हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy)
7. बायोप्सी एंडोमेट्रियल (Biopsy endometrial)
8. Dilation और curettage (D & C)
एक उचित उपचार योजना आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जाएगी जैसे कि कारकों के आधार पर:
आपकी आयु, समग्र स्वास्थ्य और चिकित्सा इतिहास।
दशा का विस्तार ।
स्थिति का संभावित कारण ।
वर्तमान लक्षण ।
मासिक धर्म से जुड़े विकारों के लिए उपचार (Treatments For Menstrual Disorders):-
1. मूत्रल (Diuretics)
2. प्रोस्टाग्लैंडीन अवरोधक (Prostaglandin inhibitors)
3. हार्मोन की खुराक (Hormone supplements)
4. गर्भनिरोधक गोली (Oral contraceptives)
5. प्रशांतक (Tranquilizers)
6. विटामिन या खनिज की खुराक (Vitamin or mineral supplements)
7. आहार संबंधी संशोधन (Dietary modifications)
8. एंटीडिप्रेसन्ट (Antidepressants)
9. नियमित व्यायाम (Regular exercise)
10. शल्य चिकित्सा (Surgery)